मैं शायर हूं बादलों पर ज़मी लिख दूँ
ख़्वाबों में तेरे शामों की हंसी लिख दूँ
नसीब, करीब इश्क और तेरी आंखें
मेरे हाथों की लकीरों में सभी लिख दूँ
ग़म की रेत दिलों के समंदर में धुआं हो
तेरी कहानी ऐसी मेरे संग अभी लिख दूँ
आईना भी तुझे झूठा सा लगे हर रोज
तुझे आसमान की दिलकश परी लिख दूँ
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