तेरा नाम ज़रा हम लेते हैं, तो सु्र्ख कहानी बन जाती है। तेरे लबों का जो किस्सा कह दें, तो सुबह सुहानी बन जाती है।
तेरी आँखों का जब जिक्र करें, नदियों की रवानी बन जाती है। तेरे चेहरे का जब अक्श गढ़ें, तो नई जवानी बन जाती है। तेरी तन्हाई का लफ्ज़ कहें, तो आंख का पानी बन जाती है। जब कहें तेरे होठों की हंसी, तो शाम शराबी बन जाती है। तेरा नाम जरा हम लेते हैं, तो सुर्ख कहानी बन जाती है।
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ReplyDeletesir....................