मनमर्जियों..से भरी तुनकमिजाज सी तुम...
मस्तमौला... बेबाक... बेख्वाब सी तुम.
हंसी पर हंसने वाली...गमों का जबाव सी तुम...
बातों में चहकती... नीदों में बहकती..परिदों का ख्वाब सी तुम
फूलों में महकती.. रंगों की किताब सी तुम
उड़ती हुई तितली छू जाती तो उसे भी प्यार हो जाता...
ऐसी मदहोशी का जाम सी तुम....
बेपरवाह... लापरवाह सी तुम
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