किसी की आंखें तुम्हारे जैसी भी तो नहीं


डियर लव
तुम्हें पता है ना मुझे खत लिखना कितना पसंद है, पर खतों की बातें अकेली होती हैं....वो सिर्फ उनसे मिलना चाहती हैं जिसके लिए लिखी जाएं.... कभी कभी इनका इस तरह का बेरुखा होना मुझे भाता नहीं है.... मुझे लगता है कि किसी को प्रेम करना सिर्फ उसको ही बता देना काफी नहीं होता... प्यार वो है जो आपके हाथों में नहीं दुनियां की सांसों में खुश्बू घोल दे... एक भीनी सी खुश्बू................................किसी टपरे पर पी गई चाय में अदरक का स्वाद फिर से याद करा दे... किसी की सिगरेट का एक कश......

प्यार सिर्फ करने के लिए नहीं होता... प्रेरित करने के लिए भी होता है... जब आपके अंदर की प्रेरणा खत्म हो जाए प्यार कर लीजिए.... जिंदगी फिर खूबसूरत से मोड़ पर जाकर ठहर जाएगी... वहीं 70 से 80 के दशक के गीत गुनगुनाने लगेगी....आज का मेरा ये खत सो कॉल्ड लव लेटर हर बार की तरह तुम्हारे लिए ही है... लेकिन ओपन लेटर है जिन्हें हमारी निजी लवस्टोरी में घुसने की उत्सुकता दिखाई दे वो इसे पढ़ सकता है... सशर्त इसके कि इसमें लिखे गए एक-एक अल्फाज पर उसे भरोसा करना होगा....

मैं फिर से याद दिला दूं... डियर लव ये खत सिर्फ तुम्हारे लिए है... कोई कितना भी कह ले किसी की आंखें भुलाई जा सकती हैं... मैं भरोसा नहीं कर सकता.....किसी की आंखें तुम्हारे जैसी भी तो नहीं होतीं.... इनकी गहराई में ठहरा हुआ पानी मुझे इन्हें भूलने नहीं देता......ये गुलाबी नहीं हैं.... पर इनका सुरुर.. जो दो पैग के बिना चढ़ जाए वो गुलाबी जरुर है... पर मुझे गुलाबी रंग नहीं पसंद था... लेकिन आंखों के सामने सब गुलाबी सा हो गया है...पता है तुम्हें ये इतनी नुकीली हैं...कि किसी की आंखों को चुभ जाएं तो उसका तो भगवान ही मालिक है... खैर तुम्हें इस खत में अपने दिल का हाल बताना है... पर जिक्र आंखों का छिड़ गया...


अभी-अभी मैने दिल पर हाथ रखकर धड़कन को नापने की कोशिश की है.... लगभग सौ की रफ्तार से धड़क रहा है ये..... ट्रेन के इंजन की तरह.....ऐसा लग रहा है अंदर सब खाली हो गया है.... खून सूख गया है....तुम्हें छोड़ देने का ख्याल इसे डरा देता है....बिल्कुल ऐसे जैसे इसकी सांसें छीन ली गई हों....दिल की सांसें.... अटपटा है ना......फिर तुम्हारी फोटो देखी है तो नसों में दोबारा खून दौड़ने लगा है.... एकदम उसी रफ्तार से जिस रफ्तार से तुम्हें देखने के बाद दौड़ता है... ऐसा लगता है दिल को इसका फ्यूल मिल गया हो... तुम नसों में खून के साथ दौड़ती हो... जो दिल के भीतर घुसते ही उसकी स्पीड कम ज्यादा कर देती है.... बिल्कुल केटालिस्ट (उत्प्रेरक) की तरह....मेरे दिल का निकोटीन.....चाय के सिप में....कॉफी के कप में...सिगरेट के कश में उतना निकोटीन नहीं जितना तुम्हारी एक नजर में है....मैं इसका आदी हूं....तभी हरबार इसकी मुझे जरुरत होती है.......और भी बहुत कुछ है जो बताना जरुरी है... पर सब एक खत में नहीं लिखा जा सकता....दूसरे खत के लिए पहला खत खत्म करना भी जरुरी है... गालिब साहब का शेर क्योंकि हालात वैसे ही हैं जो गालिब साहब ने कह दिया..................

उनको देखे से जो आती है चेहरे पे रौनक... वो समझते हैं बीमार का हाल अच्छा है......(अच्छे से याद नहीं है तो शब्दों पर ना जाएं भाव देखना)

Comments

  1. प्यार का नजराना तो है लेकिन किसी निकोटीन के लती का कारनामा है...

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    1. हां भाई निकोटीन इतनी असरकारक है कि बचना नामुमकिन है....

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