तुम्हारे जाने से मन उदास सा है

तुम्हारे जाने से मन उदास सा है
जैसे कोई डरावना ख्वाब सा है

दिल जीतना आता था तुम्हें
इसलिए ये बदहवास सा है

वैसे खास रिश्ता नहीं तेरा-मेरा
फिर ये क्यों टूटे मकान सा है

क्या लगा तुम्हें, भुला देंगे यूं ही
किरदार तुम्हारा किसी किताब सा है

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