देखकर ख्वाब कोई चेहरे पर हंसी उभर आई है, लगा कि जैसे आसमां की परी उतर आई है




देखकर ख्वाब कोई, चेहरे पर हंसी उभर आई है
लगा कि जैसे आसमां की परी उतर आई है

मुझे पता है तुम इन दिनो उलझे हो कहीं और
कमबख्त आंखों में ये कैसी नमी उतर आई है

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