सुनों कुछ कहने का मन है वो नहीं जो हमेशा कहता हूं कि मुझे तुमसे प्यार है.... वो तो है और रहेगा ही, हमेशा... तुम खींचती हो मुझे आज भी उसी तरह जैसे शुरुआत के कुछ दिनों में होता था... ऑफिस की थकान के बाद भी लौटते वक़्त तुम्हारे लिए कुछ ख़रीदने की खुशी आज भी उतनी होती है जितनी पहले होती थी... पर पहले जैसी रौनक तुम्हारे चेहरे पर कभी-कभी ही आती है...जब तुम थक जाती थी दुनिया की बातों से या इस दुनिया से ऊब जब होती थी तो तुम खिंची चली आती थी बाहों में.... हमारे प्लान अचानक बन जाते थे कभी फिल्म देखने के तो कभी यूं ही हम उस नज़दीक वाले मॉल तक हो आते थे...ऐसे ही...अजीब थे हम दोनों......
आज साल का पहला दिन है नहाने के लिए पानी गर्म करने के लिए रखा है....पर काफी देर से दिमाग काफी व्यस्त है...ऐसे ही बस तुम्हें सोच रहा है हमेशा की तरह...पिछले गुज़रे इन सालों में जैसे सोचता था... नए साल में भी मेरे दिमाग में तुम ही हो.... हमेशा की तरह....तुम्हारे साथ सुबह की चाय हमेशा से खास रही है...मैं ऑफिस से आज भी लौटता हूं....तो क़दम खींचते हैं मुझे तुम्हारे घर की तरफ तेज़ी से....चेहरे पर मुस्कुराहट होती है...हमेशा की तरह....जैसे कुछ भी जब तुम खरीदती हो खुद के लिए तो मेरे लिए भी कुछ न कुछ ले ही आती हो...वैसा ही तो मैं भी हूं....खुद से पहले ख़रीद लेता हूं तुम्हारे लिए कुछ निशानियां मेरे इश्क की..जो तुम्हारे नज़दीक रहती हैं जब मैं नहीं रहता वहां.......तुम जब मेरा ख़रीदा हुआ कुछ भी पहनती हो तो वो तुम्हारे शरीर से ही नहीं तुम्हारे मन से लग जाता है.....घंटों तुम्हें महसूस करता है वो...मेरी तरह ही....तुम्हें निहारता भी होगा......
जैसे तुम्हारे दिए हुए तोहफे मुझे घेरे रहते हैं हमेशा....बिल्कुल वैसे ही...वो भी मुझसे बात करते हैं...तुम्हारी तरह...हो सकता है मेरा तुम्हारे लिए ये सब लिखना तुम्हें अब साधारण या अजीब लगे....पर मैं तो ऐसा ही हूं न...हमेशा से ही....तुम्हें यही सब तो था जो सबसे ज्यादा पसंद था.... कि मैं तुम्हारे लिए ज़्यादा से ज़्यादा लिखूं....कुछ लोग कहते हैं कि मैं अच्छा लिखता हूं.... पर जब तुम इन किस्सों में नहीं होती तो ये बेमानी से शब्द रह जाते हैं....जब होती हो तो लिखा जाता है कुछ लाजवाब सा....ये मेरा साल का पहला खत है इसलिए सिर्फ तुम्हारे लिए...... मुझे आज भी तुम्हारे लिए लिखना उतना ही पसंद है जितना पिछले सालों में रहा है....
सिर्फ तुम्हारा
आवारा....
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