दिल है या आईना तुम्हारा मुझे मेरा अख्श नज़र आता है
जैसे तुम्हारी हंसी में आसमान से मेरा चांद उतर आता है
तुम जो कहती उसके सिवा सुनाई देता नहीं कुछ और मुझे
जादू है ये या कुछ और, या तुम्हें कोई करिश्माई हुनर आता है
तुम्हारी सूरत देखूं न देखूं फिर भी बार-बार तुम्हारा चेहरा नज़र आता है
ऐसा भी कोई होता है दिलकश, कुछ और नहीं सिर्फ वही नज़र आता है
किसी मासूम से बच्चे की तरह जैसे भरी बरसात में मन चहक जाता है.
वैसी ही तुम्हारी आवाज़ में दवाओं का असर आता है
Very nice...kiske liye hai
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