तुम मेरा कोई अधूरा ख्वाब सा हो, सीने में दफन अधूरा राज़ सा हो

तुम मेरा कोई अधूरा ख्वाब सा हो 
सीने में दफन अधूरा राज़ सा हो

लिखना तुम्हें इतना आसां नहीं
होंठों पर सजा अधूरा साज सा हो

इश्क़ ऐसा कोई करता है भला तुमसे
सिर पर सजा मेरे कोई ताज सा हो

चलो छोड़ो यूँ खुद से दिल का लगाना
तुम मेरे शहर का कोई गुलाब सा हो

यूँ हंसी इतना चेहरा तेरा  देखूं कभी
लगे जैसे हाथों में कोई जाम सा हो





Comments

Post a Comment