तुम लगी मुझे अपने जैसी


तुम लगी मुझे अपनी जैसी

थोड़ी सी मूडी, तुनकमिजाज़ सी

थोड़ी सी भीगी धूप के जैसी

वैसी जैसी होती है सुबह की पहली किरन

जैसे खींच दी हो पत्थर पर लकीर

जैसे पहली बारिश में भीगी हो कोई तितली

तुम लगी मुझे अपने जैसी

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