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आवारा आशिक
आवारगी के अलावा कुछ नहीं
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कविता
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वो बिछड़ के मुझसे उदास है
May 30, 2023
कविता
गज़ल
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जादू-मंतर पढ़ा जो उसने, मैं कुछ यूं मदहोश हो गया
April 13, 2021
कविता
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तुम लगी मुझे अपने जैसी
June 11, 2020
कविता
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क्या तुम्हारी भी देह वैसी ही है..जैसी किसी प्रेमिका की होती है..
October 31, 2018
कविता
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जब तुम मुस्कुरा देती हो... ये मगरूर सारा जहां भुला देती हो...
September 03, 2018
कविता
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कलम चलती रहे उसी तरह, जैसे चलती हैं सांसें
July 19, 2018
कविता
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आसान नहीं है तुम्हें उदास देखना.. रुठना और रूठे रहना
April 19, 2018
कविता
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भावों से बंधे ये शब्द मेरे... बहती नावों से हैं...
December 16, 2017
कविता
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तुम उलझी हो मुझमें रेशम के धागे के जैसी....
March 23, 2017
कविता
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