वो बिछड़ के मुझसे उदास है





वो बिछड़ के मुझसे उदास है 
शायद ये अमावस की रात है

खुशी है माथे की बिंदी उसके 
ये तो बस चंद रोज की बात है

सजना संवरना छोड़ दिया उसने
चेहरे पर उसके मायूसी साथ है

मैं कहूं तो लौट आएगी मेरे पास
या फिर ये कहने की ही बात है

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