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आवारा आशिक
आवारगी के अलावा कुछ नहीं
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भावों से बंधे ये शब्द मेरे... बहती नावों से हैं...
December 16, 2017
कविता
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कीबोर्ड पर दौड़ती उंगलियां बड़ी सेक्युलर होती हैं
November 26, 2017
बस यूं ही
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मुझे तुम पसंद हो..........
November 25, 2017
फैंटेसी
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तुम एक नोबेल जैसी हो
November 25, 2017
बस यूं ही
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तुम उलझी हो मुझमें रेशम के धागे के जैसी....
March 23, 2017
कविता
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किसी का ख्वाब बन जाने का सुख बड़ा हसीन होता है
January 09, 2017
फैंटेसी
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मेरा हर दिन तुम्हारी बाहों से निकल कर तुम्हारी बाहों में घुसना ही तो है
January 09, 2017
लव लेटर्स
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