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आवारा आशिक
आवारगी के अलावा कुछ नहीं
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भावों से बंधे ये शब्द मेरे... बहती नावों से हैं...
December 16, 2017
कविता
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कीबोर्ड पर दौड़ती उंगलियां बड़ी सेक्युलर होती हैं
November 26, 2017
बस यूं ही
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मुझे तुम पसंद हो..........
November 25, 2017
फैंटेसी
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तुम एक नोबेल जैसी हो
November 25, 2017
बस यूं ही
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तुम उलझी हो मुझमें रेशम के धागे के जैसी....
March 23, 2017
कविता
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किसी का ख्वाब बन जाने का सुख बड़ा हसीन होता है
January 09, 2017
फैंटेसी
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मेरा हर दिन तुम्हारी बाहों से निकल कर तुम्हारी बाहों में घुसना ही तो है
January 09, 2017
लव लेटर्स
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तुम गायब हो गई अचानक ही बिना बताए.....
September 18, 2016
लव लेटर्स
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जज्बातों की रेत पर तुम्हारे पांव के निशान
August 03, 2016
मधुशाला
July 19, 2016
किसी की आंखें तुम्हारे जैसी भी तो नहीं
July 09, 2016
तुम वही हो जिसकी ख्वाहिश हम जैसे लड़कों को होती है....
June 30, 2016
उन दो घंटों में मैने पुराना वक्त जी लिया...
June 27, 2016
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